क्रिश्टोफ बेर्नात लंबे समय तक दो दुनियाओं के बीच खड़े रहे। एक ओर संगीत — उन्होंने दर्जनों गीत लिखे और अंतरराष्ट्रीय प्रोड्यूसरों के साथ काम किया। दूसरी ओर लेखन — उन्होंने कई किताबें शुरू कीं और नाट्य सिद्धांत से मोहित थे। लेकिन उनके आसपास की दुनिया उन्हें लगातार चुनने के लिए धकेलती रही: संगीतकार या लेखक। “मुझे अपार दबाव महसूस होता था जो हर साल बढ़ता जाता था। मुझे एक समाधान चाहिए था,” क्रिश्टोफ कहते हैं। इसलिए उन्होंने प्रयोग करना शुरू किया। शुरुआत में सिर्फ अपने लिए — अपनी संगीत रचनाओं को अपने पिता की पेंटिंग्स के साथ मिलाकर छोटे मल्टीमीडिया किस्से बनाए। कुछ कमी थी, तो उन्होंने पाठ जोड़ा। जल्द ही उन्होंने पाया कि जब पाठ को संगीत के साथ बिल्कुल सटीक समयबद्ध किया जाता है, तो वह कहीं अधिक प्रबल भावनाएँ जगाता है। धीरे‑धीरे उन्हें एहसास हुआ कि यह केवल उनके निजी कलात्मक अभिव्यक्ति के बारे में नहीं है। कोई भी इस तरह की कहानी कहने की विधा सीख सकता है — यदि उसे सही उपकरण दिए जाएँ। इसी तरह Wizionary का जन्म हुआ।